Friday, 10 April 2020

बदलेगी नियति....


बदलेगी नियति....

सन्नाटा हर जगह
अजब सी निशब्दता
घबराया हुआ मन
ह्रदय हैँ धड़कता
एक वायरस के कारण
इतनी विवश्ता
गली और रास्तों से
मनुष्य बेपत्ता
बसों और रेलों
की खत्म चपलता
चौराहों पर पुलिस
की बढ़ी सतर्कता
घूमने की तुुम्हे
बतलाये व्यर्थता
स्वास्थय कर्मी की देखी
हमने उदारता
सेवा मेँ तत्पर
हैँ कई और योगी
देते आवश्यक सेवाएं
करते हैँ स्वच्छता 
क्यों  ना घर रहकर
हम दिखाए बुद्धिमता
निकले गर काम से
मास्क चेहरा हो ढकता
साबुन से हाथों
की करें स्वछत्ता
क्यों खुबने लगी तुम्हें
अपने घर की ही निजता
याद कर लोगे गर
बेघरों की विरक्ता
बढ़ जायेगी ज़रूर
तुम्हारी सहनशीलता
कर लोगे गर तुम
प्रकृति से मित्रता
बदलेगी नियति
यही ईश्वर की कृपालुता ...

मन विमल

























8 comments:

  1. खूप सुंदर... घडत असलेल्या गोष्टी डोळ्या समोर सत्य उभे राहते...

    ReplyDelete
  2. बहुत बढ़िया। 👏👏

    ReplyDelete
  3. Very Nice madam..Thanks for sharing..

    ReplyDelete
  4. Versatile and beautiful.

    ReplyDelete
  5. अति सुंदर। प्रकृति से मित्रता ही सर्वोत्तम है।

    ReplyDelete

Manoj Kumar: The Man Who Made Bharat His Hero & Viksit Bharat

Manoj Kumar: The Man Who Made Bharat His Hero & Viksit Bharat  Every Independence Day or Republic Day, our mornings begin the same way ...