Thursday, 23 July 2020

सत्य की राह....

सत्य की राह....

सत्य के मार्ग पर चल पड़े तुम
ना सोचा कभी क्या हाल होगा
सत्य के मार्ग पर चल पड़े तुम
सिर्फ अनुशासन ही साथ होगा
सत्य के मार्ग पर चल पड़े तुम
अकेला ही तुम्हारा सफर होगा
सत्य के मार्ग पर चल पड़े तुम
टक्कर क्लेश से सौ बार होगा
सत्य के मार्ग पर चल पड़े तुम
हो सकता तुम्हारा अपमान होगा
सत्य के मार्ग पर चल पड़े तुम
परिहास तुम्हारा कई बार होगा
सत्य के मार्ग पर चल पड़े तुम
काटों भरा तुम्हारा राह होगा
पर संभले रहना ना डगमगाना तुम
सत्य ही मार्गदर्शक होगा
शायद ईश्वर की यह परीक्षा हो
हरिश्चन्द्र की तरह
क्षण भर भी ना उदास होना
निष्ठा कर्त्तव्य धरे रहना
मैदान में भले जंग छिड़ी आज
कल आएगा सूरज लेकर साज
रख मन में बस ये विश्वास
ऊपरवाला रखेगा तुम्हारी लाज
उतावले मन को समझाओ
और इतना रखो तुम याद
भले पूरी नाही हो कोई चाह 
फिर भी चलते रहना तुम सत्य की राह...

मन विमल 

3 comments:

  1. जिन्दा है तो जिन्दगी के जित पर यकिन कर
    अगर कही है स्वर्ग तो उतार ला जमिन पर!!!

    सत्य तो अजय है!!अंतीम जित तो सत्य की होती है बिच मे तो रस्ते पर भी पडाव होते है

    ReplyDelete
  2. जिन्दा है तो जिन्दगी के जित पर यकिन कर
    अगर कही है स्वर्ग तो उतार ला जमिन पर!!!

    सत्य तो अजय है!!अंतीम जित तो सत्य की होती है बिच मे तो रस्ते पर भी पडाव होते है

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