Saturday, 23 December 2023

चुप्पी का मोल...

चुप्पी का मोल...

वादियों की एकांत
सुकून कितना ख़ामोश
मगर दिल की गहराईयों मे
तूफ़ानों का दौर
और आँखों की बंद पलकों में
बिखरे ख्वाब अनमोल
गहरे सन्नाटे की भांति मन भले भारी
या आँसू लगे शबनम की ओस
मगर अनुभवों की बोली से
मन सीख गया हैँ मौन
दीवानों की बातें सुनेगा कौन
जान गया वो चुप्पी का मोल

मन विमल



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