Sunday 21 August 2022

वृद्ध होना...

वृद्ध होना...

कितना कठिन होता होगा वृद्ध होना...
आत्मनिर्भर जवानी के बाद अवलंबित होना...
स्वावलम्बी रहकर ज़िन्दगी भर
बुढ़ापे में अधीनस्थ होना...
कितना कठिन होता होगा वृद्ध होना...
संघर्षों से लढ़कर
असंख्य कष्ट सहकर
पोषण किया था जिन बच्चों का
बाहें पसारे इंतेज़ार करना उन्ही के अवधान का..
कितना कठिन होता होगा वृद्ध होना...
हाथ थामकर चलना सिखाया जिन बच्चों को
हिचकिचाना के बच्चे थामे आज उनको...
तुत्ले मीठे बोलों को प्रशांसित कर
बोलना सिखाया था जिन बच्चों को
तरस जाना सुनने उनसे प्यार भरे चार शब्दों को..
कितना कठिन होता होगा वृद्ध होना...
जन्म मरण का यह चक्र जल्द पूर्ण हो
ये सोचने को मजबूर हो...
कितना कठिन होता होगा वृद्ध होना...
गुज़रना इस दौर से तय हैँ हम सभी का
हर शख्श समझ ले बस इस सच्चाई को...
करुणा की ज्योत मन में लिए
थाम लो उनके हाथों को ताकि
संकुचित होना ना पड़े फिर किसी भी वृद्ध को...

मन विमल 

6 comments:

  1. Bilkul Sahi Hai Madam🙏
    Today's Big social issue

    ReplyDelete
  2. सुबह को बचपन हंसकर देखा, फिर दोपहर जवानी,
    शाम बुढापा ढलते देखा, रात को खत्म कहानी।

    ReplyDelete
  3. Very well said, Vimalaji..kathin bhee hota hai, dushvar bhee har str pe..mental,physical,emotional.

    ReplyDelete
    Replies
    1. Thank you Jee...Youth blinds us at times....Being sensitive is so important

      Delete

"Whispers in the Woods: A Message from Trees to the man-made Axe"

"Whispers in the Woods: A Message from Trees to the man-made Axe" Last week I was invited to AUM , The Centre of Global Art locate...