आँसू...
अश्क़ बनकर बहने लगते
राज़ काई इन आँखों के
अनकही दिल की कहानी कभी
कभी टूटे हुए ख्वाब बहारों के
दर्द के गहरे भरमार कभी
कभी ख़ुशी बनकर भी बह जाते हैं
कभी चांदनी रातों में धुले
कभी कड़ी धूप से गरमाते हैँ
कभी झील गहरे जजबातों के
कभी लेहरें तरल बन जातें हैँ
जीवन के रंग बिरंगे किस्सों के
अद्भुत हिस्सा बन जाते हैँ
रुकते नहीं ये साथ हमारे
हमें हल्का कर निकल जाते हैँ
नमकीन होकर भी शायद इसलिए
कुछ मिठास लौटाने आते हैं...
मन विमल
Saturday 30 December 2023
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
"Whispers in the Woods: A Message from Trees to the man-made Axe"
"Whispers in the Woods: A Message from Trees to the man-made Axe" Last week I was invited to AUM , The Centre of Global Art locate...
-
कुडाल से... अतीत के कुछ पन्नों से अज़ीज़ यादों के संग बीते लम्हों की कहानी, सजीव होंठों की जुबानी मन हुआ हौला दिल कुछ बोला गुज़रते नज़ारो...
-
तुम चले गए.... तुम चले गए शायद यह सोचकर ख़त्म हो जाएंगे सारे प्रश्न तुम चले गए शायद यह सोचकर मिल जाएंगे सारे जवाब तुम चले गए शायद यह स...
-
Life's not a race... Life is not about pace... Neither is it a race... Actually it's just God's grace... That we occupy our spac...
No comments:
Post a Comment