Saturday, 30 December 2023

आँसू...

आँसू...

अश्क़ बनकर बहने लगते
राज़ काई इन आँखों के
अनकही दिल की कहानी कभी
कभी टूटे हुए ख्वाब बहारों के
दर्द के गहरे भरमार कभी
कभी ख़ुशी बनकर भी बह जाते हैं
कभी चांदनी रातों में धुले
कभी कड़ी धूप से गरमाते हैँ
कभी झील गहरे जजबातों के
कभी लेहरें तरल बन जातें हैँ
जीवन के रंग बिरंगे किस्सों के
अद्भुत हिस्सा बन जाते हैँ
रुकते नहीं ये साथ हमारे
हमें हल्का कर निकल जाते हैँ
नमकीन होकर भी शायद इसलिए
कुछ मिठास लौटाने आते हैं...

मन विमल 

No comments:

Post a Comment

Unity at the Feet of the Iron Man – A Journey to the Statue of Unity, Ekta Nagar

Unity at the Feet of the Iron Man – A Journey to the Statue of Unity, Ekta Nagar The preamble of our Constitution includes three timeless w...