Saturday, 6 April 2024

कुडाल से..

कुडाल से...

अतीत के कुछ पन्नों से
अज़ीज़ यादों के संग
बीते लम्हों की कहानी,
सजीव होंठों की जुबानी
मन हुआ हौला
दिल कुछ बोला
गुज़रते नज़ारों से
पेड़ पौधे फुहारों से
धूप के तले या छाँव के साथ
इस मिट्टी पर कदम रखें थे हमने
यहाँ का पानी पिया था हमने
हसीन सपने देखें थे हमने
कुछ करने की ठानी थी हमने
बरसों बाद यहाँ से फिर गुज़री
तो लगा बहुत कुछ पाया
और थोड़ा बहुत खोया हमने
चेहरे पर झुर्रियांआयी
या बालों में सफेदी
पर मन अब भी उन्मादित
उत्साह से पूर्ण, जीने को आतूर
क्योंकि हमने हर पल गुज़ारा
चुनौतियों का सामना कर
चल रहें आज भी हम
विश्वास की राह पर
और जला रहें उम्मीदों के दीप,
क्योंकि नींव हमारी पक्की
कोंकन के डेक्कन ट्रैप जैसे
और कोंकन रेल की तरह...
हर दम निरंतर, ले चलती हैँ हमें
नयी राहों पर...
नयी मंज़िलों की तलाश में...

मन विमल 

No comments:

Post a Comment

Unity at the Feet of the Iron Man – A Journey to the Statue of Unity, Ekta Nagar

Unity at the Feet of the Iron Man – A Journey to the Statue of Unity, Ekta Nagar The preamble of our Constitution includes three timeless w...